आपरै गांव में
राम-राम तो करता ई होसी लोग
म्हारै ख्याल सूं
बै ई जाणै ताकत कविता री
पीड़ राम अर सीता री
म्हनैं :
बां तांई ही सबद पूगावणो है
बाक्यां सूं लुकावणो है।
(अमृता प्रीतम नैं समरपित)
आपरै गांव में
राम-राम तो करता ई होसी लोग
म्हारै ख्याल सूं
बै ई जाणै ताकत कविता री
पीड़ राम अर सीता री
म्हनैं :
बां तांई ही सबद पूगावणो है
बाक्यां सूं लुकावणो है।
(अमृता प्रीतम नैं समरपित)