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अेक सौ पैंताळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

बायरो बगै शीताळो
-पाळो
पड़ग्यो फसलां ऊपर
पाणी पड़ग्यो नस्लां ऊपर

भाखा, भजन अर भेख बिहूणा
मां नैं लागै किण विध सूंणा
ऊपर सूं फेर करै बजार
नित रा ई तो नूंवा टूणा

अैड़ै मांय :
भोभर री तलास करो
कीं करो! कीं करो!!
इयां ना हतास करो
अरे भाखा रा देवतो!
भाखा रो परकास करो।