हे मेरे मन!
देते जो दुःख
अहर्निश क्लेश
पास न उनका
बचा है कोई जतन।
आँसू न बहाओ अब
गलाओ न तन।
साँझ -सवेरे
बोते रहे अँधेरे
बेमानी सब उनके
मधुर, कटु, वचन।
28/11/2024
हे मेरे मन!
देते जो दुःख
अहर्निश क्लेश
पास न उनका
बचा है कोई जतन।
आँसू न बहाओ अब
गलाओ न तन।
साँझ -सवेरे
बोते रहे अँधेरे
बेमानी सब उनके
मधुर, कटु, वचन।
28/11/2024