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आंखों में कोई ख़्वाब सजा कर देखो / रमेश तन्हा

 
आंखों में कोई ख़्वाब सजा कर देखो
सीने में कोई आग छुपा कर देखो
खुल जाएंगे असरारे-निगारे-हस्ती
अहसास को आइना बना कर देखो।