Last modified on 25 दिसम्बर 2015, at 01:13

आऊँ कैसे / कमलेश द्विवेदी

अपना हाल बताऊँ कैसे.
दिल का दर्द दिखाऊँ कैसे.

तेरी खातिर गीत लिखा है,
उसको तनहा गाऊँ कैसे.

तू नदिया मैं तेरा साहिल,
और कहीं फिर जाऊँ कैसे.

तेरी राह निहारें आखें,
इनकी प्यास बुझाऊँ कैसे.

तू तो खुद को समझा लेगा,
मैं खुद को समझाऊँ कैसे.

रूठा चाँद छिपा बादल में,
उसको आज मनाऊँ कैसे.

मन तो है तुझसे मिलने का,
तेरी "हाँ"बिन आऊँ कैसे.

मोबाइल नेटवर्क नहीं है,
तुझको कॉल लगाऊँ कैसे.