आएगी अपनी सुबह आएगी
आँख सूरज की मुस्कुराएगी
आएगी...
मौत से लड़ने को तैयार रहो
किसी शैतान का न ख़ौफ़ सहो
आएगी...
हाथ उट्ठेंगे तो उठते हुए खँजर होंगे
लोग उट्ठेंगे तो तूफ़ानी समन्दर होंगे
आएगी...
तेरे हिस्से में ही आख़िर ख़ुशी नहीं आई
दुख उठाना ही है क़िस्मत तो बदल दे भाई
आएगी...
आज बस्ती में अन्धेरा तो कल सवेरा है
कल जो आएगा तेरा - मेरा है
आएगी...