गोडसे को बाबा बोलें
मजलूमों पर धावा बोलें
जात-धरम का रट्टा मारें
गांधी को बिसरायें
आओ अनपढ हो जाएं
प्रेम व्रेम को फंदा देदें
पार्टी को कुछ चंदा देदें
देशभगत की बीन बज रही
उस पर चल कर इठलाएं
आओ अनपढ हो जाएं
आजू-बाजू गुर्गे पालें
दिखे सुफेदी कीच उछालें
बांट-बखेरा हर दर पालें
ज्ञानी बन उलझाएं
आओ अनपढ़ बन जाएं