गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Last modified on 29 अप्रैल 2018, at 09:22
आकाश / कल्पना सिंह-चिटनिस
चर्चा
हिन्दी/उर्दू
अंगिका
अवधी
गुजराती
नेपाली
भोजपुरी
मैथिली
राजस्थानी
हरियाणवी
अन्य भाषाएँ
कल्पना सिंह-चिटनिस
»
चाँद का पैवन्द
»
Script
Devanagari
Roman
Gujarati
Gurmukhi
Bangla
Diacritic Roman
IPA
हर रोज गर्व से निकलते हैं तारे
और कहते हैं - आकाश हमारा है।