बीमार
तीन माह
पड़ी रही मैं बिस्तर में
अब
भय नहीं रहा
मुझे मौत का
बहुधा मुझे लगता है
सपनों में
गो मैं हूँ अतिथि
अपनी ही देह के चौखटे में
(1959)
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : सुधीर सक्सेना
बीमार
तीन माह
पड़ी रही मैं बिस्तर में
अब
भय नहीं रहा
मुझे मौत का
बहुधा मुझे लगता है
सपनों में
गो मैं हूँ अतिथि
अपनी ही देह के चौखटे में
(1959)
मूल रूसी भाषा से अनुवाद : सुधीर सक्सेना