सिंहोॅ से ज्यादा भयावह
बैशाख-जेठोॅ के ई सुरुज
हठाते खरगोश रं
बिलाय-बच्चा बनलोॅ छै
नेऋत्व दिशा सेॅ
हुहुवैऐॅ आवी रहलोॅ हवा
चौवाय बनी केॅ
सबकेॅ झुलसैतेॅ
मुरझाय केना गेलै
जेना बिज्जी के आगू
नागोॅ के फोॅन।
धरती-सरंग के
जागै छै, मोॅन
जानी केॅ ऐलै अखार
पावी केॅ पावस केॅ धोॅन।