आग
चूल्हे में बुझ रही है
जल चुके हैं
छोटे-मोटे लक्कड़
पहले ही
दरवाज़ा खोलता हूँ
देखता हूँ पहाड़ की चोटी से
उतर रही है बर्फ़ानी हवा
बुझाने को
आतुर
आग को
बचे हुए कुछ अंगारों को।
आग
चूल्हे में बुझ रही है
जल चुके हैं
छोटे-मोटे लक्कड़
पहले ही
दरवाज़ा खोलता हूँ
देखता हूँ पहाड़ की चोटी से
उतर रही है बर्फ़ानी हवा
बुझाने को
आतुर
आग को
बचे हुए कुछ अंगारों को।