Last modified on 6 जनवरी 2011, at 15:44

आजादी / दीनदयाल शर्मा


आजादी रै दिन नै
अक्कू भी मनायो
पींजरे नै खोल्यो अर
सूवै नै उडायो

अनुवाद :- श्रीमती राजेश्वरी पारीक " मीना "