मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आजु चतुर्थी करू हर, भेल भिनसर हे
विधकरी सेज उठाबथि, नीपल कोबर घर हे
पालो-पानि अनाओल, बीघ कराओल हे
राखल मधु-खाँड़ लगाय, कि हजमा नहायल हे
पंडित आबि पढ़ाओल, चतुर्थी कराओल हे
सखि दस मंगल गाओल, गाबि सनाओल हे
गौरी के बढ़नु अहिबात, सुन्दर बर पाओल हे