Last modified on 4 जुलाई 2014, at 06:42

आठ / प्रमोद कुमार शर्मा

सबद
-थारो कै म्हारो
न्यारो-न्यारो को हुवै नीं अरथ
पण आप तो लगा दीवी बीज तांई सरत

अबै संभाळता फिरो भांत-भांतीली पोथ्यां
मिलज्यै तत् आपनैं जे सोध्यां
तो भलांई आरती उतारो
-पण साच ना मारो
सबद :
-थारो कै म्हारो।