तुम,
बस दूर खड़े
एक मूक दर्शक की भाँति
आवाक देखते रहे / अवाक
और,
मुझे उन चन्द
आड़ी-तिरछी लकीरों ने
असहाय बना दिया
तुम!!!
चाहते तो रंगो की एक दीवार
खड़ी कर सकते थे
तुम,
बस दूर खड़े
एक मूक दर्शक की भाँति
आवाक देखते रहे / अवाक
और,
मुझे उन चन्द
आड़ी-तिरछी लकीरों ने
असहाय बना दिया
तुम!!!
चाहते तो रंगो की एक दीवार
खड़ी कर सकते थे