आतंकी हमला सें थर-थर भेलै अयोध्या धाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम
धन्य मुशर्रफ अली, माय भारत रोॅ सच्चा बेटा
रमाकान्त के संग, मोरचा लेलकै बान्हि मुरेठा
ढेर करी आतंकी के, करि देलकै, काम तमाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम
सुरूजोॅ के मेटैलोॅ, फेनूं रक्तबीज, उमतैलै
आपा खोय करी, आगिन रोॅ बस्ती सें ओझरैलै
खुद आपन्हैं भोगी सब लेलकै, करनी के अंजाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम
वतनपरस्ती भैयारी पर, हमला कौनें सहतै
गंगा-जमुना-सरस्सती के, ध्वंसक केना पनपतै
बेटा जेकरोॅ अग्निपुरुष, सेनानी अटल कलाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम
उग्रवाद आतंकवाद रोॅ, आका भी डरलोॅ छै
आय तलुक जे-जे भी भिड़लै, बिना मौत मरलोॅ छै
मिरजाफर जयचन्द लेलि छै, खुलेआम पैगाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम
चूरचूर भेलै भारत सें, जें भी लेलकै पंगा
तभिये तेॅ छै गगन चूमतें, हमरोॅ मुकुट तिरंगा
‘राज’ सजग योद्धा, शहीद रोॅ लहुवो के परिणाम
चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम, चमकलै फनूँ लला रोॅ नाम