आतो रीनी कास्तिलो (1934 -1967) दक्षिण अमेरिका के देश गुआटेमाला के महत्वपूर्ण क्रान्तिकारी और कवि हैं। अपने स्कूली जीवन में ही राजनीति में उनकी गहरी रूचि थी जो बाद में मृत्युपर्यन्त देश के तानाशाही विरोधी सशस्त्र संघर्ष में सीधी भागीदारी तक जारी रही।
1954 में अपने देश के निर्वाचित राष्ट्रपति के तख़्तापलट के बाद वे एल सल्वाडोर चले गए। वहाँ के लोकप्रिय कवि रोक डेल्टन के साथ मिल कर उन्होंने एक साहित्यिक आन्दोलन शुरू किया। थोड़े समय के लिए कास्तिलो अपने देश लौटे पर फिर आगे पढ़ाई करने के लिए पूर्वी जर्मनी चले गए। उन्होंने एक प्रयोगात्मक थियेटर शुरू किया और एक साहित्यिक पत्रिका भी निकाली।
निरंकुश तानाशाही के विरोध में कास्तिलो ने न सिर्फ लिखा बल्कि खुद हाथ में बन्दूक थाम कर सरकार विरोधी छापामार संघर्ष में सम्मिलित हुए 1967 में पकड़े जाने पर उन्हें भयंकर यातना देकर ज़िन्दा जला कर मार डाला गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके दो काव्य संग्रह प्रकाशित हुए। बाद में एक और। उनकी कुछ कवितायेँ अंग्रेज़ी में उपलब्ध हैं।