आत्मन् प्रत्येक समय में होता था
वह समयातीत भी होता था
आत्मन् समय के शीश पर चहलक़दमी करता
दृश्य में दिखता रहता था
और अचानक अदृश्य हो जाता था !
आत्मन् प्रत्येक समय में होता था
वह समयातीत भी होता था
आत्मन् समय के शीश पर चहलक़दमी करता
दृश्य में दिखता रहता था
और अचानक अदृश्य हो जाता था !