अंश हूँ जितना
तुम्हारा मैं
उतना तो तुम्हारा भी
होगा ही मेरा दुःख।
सुनो ! इस आत्मपीड़ा में
तुम्हें क्या सुख ?
(1993)
अंश हूँ जितना
तुम्हारा मैं
उतना तो तुम्हारा भी
होगा ही मेरा दुःख।
सुनो ! इस आत्मपीड़ा में
तुम्हें क्या सुख ?
(1993)