Last modified on 2 मार्च 2010, at 12:41

आत्मरक्षा के लिए / रामकुमार कृषक

पुलिस को गोली चलानी पड़ी
गोली चलानी पड़ती है पुलिस को
घिर जाती है हिंसकों के बीच
जैसे अहिंसा...
’अ’ हटा दें आत्मरक्षा के लिए
हिंसा हो जाए !

रचनाकाल : 1971-1981