Last modified on 12 जुलाई 2010, at 20:30

आत्मालाप / त्रिलोचन

मेरा जी उदास है
(पर)
कोकिल तुम गाओ

आम की डाल सुहाए
तो वहाँ
काँचनार तुम को लुभाए
तो वहाँ
जाओ जाओ जाओ