Last modified on 25 मई 2014, at 15:45

आत्म विसर्जन / पुष्पिता

वसुधा
सूरज से अर्जित करती है
अपना दिवस।

साँसें
हवाओं से
अर्जित करती हैं
अपने लिए धड़कनें।

नदी से
अर्जित करनी पड़ती है
जल और पवित्रता।

ईश्वर से
अर्जित करना पड़ता है
उसका आशीर्वाद।

सूर्य से
अर्जित करते हैं
ताप और ऊर्जा।

वैसे ही
तुमसे अर्जित करते हैं तुम्हें
आत्म-विसर्जन में।