इतनी बार गिरी
इतने आघात
इतनी बार हारी
इतनी चोटें
इतनी बार मृत्यु
इतने जीवन
हर बार वह उठ खड़ी हुई
एक नई स्त्री में
वह निराला की आदमक़द स्त्री
इतनी बार गिरी
इतने आघात
इतनी बार हारी
इतनी चोटें
इतनी बार मृत्यु
इतने जीवन
हर बार वह उठ खड़ी हुई
एक नई स्त्री में
वह निराला की आदमक़द स्त्री