आदमी का
जाया
उपजाया भी,
न हुआ
अब तक
वह आदमी,
धरा-धाम का-
गौरव-गुन-ग्राम का-
कौड़ी का-छदाम का-
काम और नाम का।
रचनाकाल: २५/२६-१२-१९९१, बाँदा
आदमी का
जाया
उपजाया भी,
न हुआ
अब तक
वह आदमी,
धरा-धाम का-
गौरव-गुन-ग्राम का-
कौड़ी का-छदाम का-
काम और नाम का।
रचनाकाल: २५/२६-१२-१९९१, बाँदा