आधी दुनिया
आंगन के नल के पर
ठंड से बतियाती
धीरज के साबुन से घिस रही है
जिंदगी की मैली चादर का कोना
अब तो बट्टी भी इतनी घिस चली
कि ठंड से ठिठुरते हाथ
बट्टी को पकड़ भी नहीं पाते
और चादर तो देखो
वैसी की वैसी मैली पड़ी है
आधी दुनिया
आंगन के नल के पर
ठंड से बतियाती
धीरज के साबुन से घिस रही है
जिंदगी की मैली चादर का कोना
अब तो बट्टी भी इतनी घिस चली
कि ठंड से ठिठुरते हाथ
बट्टी को पकड़ भी नहीं पाते
और चादर तो देखो
वैसी की वैसी मैली पड़ी है