एक देश का अपने देश में
चैन से रहना मुश्किल नहीं है
बशर्ते दूसरा देश अपने देश में चैन से रहे
मगर बेचैनी बीजों में इस तरह घुल गई है
कि सारी फसलें अशांत हो गई है
चाँद, मंगल भी चैन से रह लेते
अगर हम पृथ्वी पर बेचैन ना होते।
एक देश का अपने देश में
चैन से रहना मुश्किल नहीं है
बशर्ते दूसरा देश अपने देश में चैन से रहे
मगर बेचैनी बीजों में इस तरह घुल गई है
कि सारी फसलें अशांत हो गई है
चाँद, मंगल भी चैन से रह लेते
अगर हम पृथ्वी पर बेचैन ना होते।