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आने वाले वक्त में / मुकेश मानस


मैं एक सड़क देखना चाहता हूँ
जिस पर वाहन हों खूब
मगर उनका भय ना हो

मै एक पार्क देखना चाह्ता हूँ
जिसमें अनन्त फूल खिले हों
और तोड़ने वाला कोई ना हो

मैं एक स्कूल देखना चाहता हूँ
जिसमें सिर्फ़ बच्चे हों
और अध्यापक कोई ना हो

मैं एक सरकार देखना चाहता हूँ
जिसमें सिर्फ़ सेवक हों
अधिकारी कोई ना हो

मैं एक दुनिया देखना चाहता हूँ
जिसमें सिर्फ़ नागरिक हों
और राष्ट्र कोई ना हो
2009