पहाड़ी झरने के पास
सूख रहे हैं
कपड़े, असा<ref>सहारे के लिए हाथ में ली गई लकड़ी</ref> पर
विआ<ref>बर्तन</ref> में भरा है
आब
मछली जिसमें तैरती है
शब्दार्थ
<references/>