आम्बेडकर की मूर्ति—
आक्रोश के पर्याय नहीं
यह तो शेरगढ़ी की
अस्मिता का दर्शन है
पुलिसिया अत्याचार
मानव अधिकारों की व्याख्या
कई सदी से करते आ रहे हैं
आज अन्तर केवल पुलिस के
नये प्रशिक्षण के
अभ्यास का है
या वैचारिकता का
यह तो आम्बेडकर की मूर्ति ही
तय करेगी।