जिको नीं जाणै
मांयली बातां
गांव री बेळू नैं सोनो
अर पोखरां में चांदी बतावो।
सन् सैतांळीस रै बाद हुआ
सुधार गिणावै
नूंवै सूरज री अडीक राखै
अर अंधारौ ढोवै।
छापै में छपी खबरां
पढ़ै अर चमकै
बो आम-आदमी है।
जिको नीं जाणै
मांयली बातां
गांव री बेळू नैं सोनो
अर पोखरां में चांदी बतावो।
सन् सैतांळीस रै बाद हुआ
सुधार गिणावै
नूंवै सूरज री अडीक राखै
अर अंधारौ ढोवै।
छापै में छपी खबरां
पढ़ै अर चमकै
बो आम-आदमी है।