जात-धरम के बात करी केॅ
जनता केॅ बहकावै छै
आरक्षण-अयोध्या लै केॅ
जनता केॅ भरमावै छै
गैट नीति सें बहुराष्ट्रोॅ केॅ
भारत में घुसबावै छै
घर के समस्या के विरोध पर
गोली भी चलबावै छै
दोसरा देशोॅ के धमकी पर
दुश्मन सें हाथ मिलावै छै
‘दिल टूटा तो देश टूटेगा’
कही-कही यही डरावै छै
हारै छै तेॅ क्षेत्र घूमै छै
जीत्थैं मुँह नै दिखावै छै
मंत्री बनी केॅ या पैरवी सें
दिल्ली मौज उड़ावै छै
राष्ट्रप्रेम के नाम नै लै छै
जग में नाम हँसावै छै
‘निर्मल’ जाति, धरम, गोली सें
नेता आया चुनावै छै