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आर गंगा पार जमुना / मैथिली लोकगीत

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

आर गंगा पार जमुना, बिचे कदम्ब केर गाछ री
ताहि चढ़ि-चढ़ि कागा बाजय, कागक बोल अनमोल री
देबौ रे कागा सिर के पागा, उड़ि जाउ जहाँ कंत री
कागा पांखि दुई हंस लीखब, सोने मढ़ायब दुनू ठोर री
सासु हे दुख कहब ककरा, बेटा अहांक परेदश री
परदेश बालमु धनी अकेली, रिमझिम बरिसतु आजु री
गाइक गोबर चिकनी माटी, रानी निपथु मन्दीर री
ताहि चढ़ि कऽ राजा सूतल, रानी बेनियां डोलाय री
सुख दुख रानी कहय लगली, राजा तरसि कय बोल री