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आल फगुआ (तर्ज होली) / कृष्णदेव प्रसाद

फगुआ फिनु
फगुआ फिनु आल सुहावना,
चहल पहल मनभावना॥
फुदके फुदुकिया
चहके पंडुकिया
मोद हिये सरसावना ॥1॥

मानुस मन मँहँ
मानुस चिनता
धन धनधा बहु जातना ॥2॥

धिरिग जीवन
जिन निरखत नाहिंन
प्रकृति उमंग हुलसावना ॥3॥