आव पियारे मीत हमारे।
निस-दिन देखूँ पाँव तुम्हारे॥टेक॥
सेज हमारी पीव सँवारी।
दासी तुम्हारी सो धन वारी॥१॥
जे तुझ पाऊँ अंग लगाऊँ।
क्यूँ समझाऊँ बारण जाऊँ॥२॥
पंथ निहारूँ बाट सवारूँ।
दादू तारूँ तन मन वारूँ॥३॥
आव पियारे मीत हमारे।
निस-दिन देखूँ पाँव तुम्हारे॥टेक॥
सेज हमारी पीव सँवारी।
दासी तुम्हारी सो धन वारी॥१॥
जे तुझ पाऊँ अंग लगाऊँ।
क्यूँ समझाऊँ बारण जाऊँ॥२॥
पंथ निहारूँ बाट सवारूँ।
दादू तारूँ तन मन वारूँ॥३॥