Last modified on 19 मार्च 2012, at 09:13

आशियाना (हाइकु) / भावना कुँअर

(आशियाना )
 न बस सका
 मेरा ही आशियाना
 सबका बसा

(भटकन)
भटका मन
गुलमोहर वन
बन हिरन

(सरसों)
खेत है वधू
सरसों हैं गहने
स्वर्ण के जैसे

(पवन)
मन्त्रोचारण
करती ये पवन
देव - पूजा सी

(गाँव)
नीम की छाँव
मीठे कुएँ का पानी
वो मेरा गाँव