मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आ जल्दी से चलियौ
ड्योढ़ी के ऊपरमे हौऽऽ।
एतेक बात जे अगुआ सुनलय
जतरा केलकय ड्योढ़ी लगमे
सभा लागल मुनीसिंह के
आब तब आय जबाब आय राजा जी
पूछै छै ने यौ
हौ तब जबाब तऽ मुनीसिंह पूछै छै
सुनिलय हौ सुनिलय
दिल के वार्त्ता
आ किये करनमा तीसीपुरमे एलैय
तेकर हलतिया हमरा कहि दीअ
जल्दी बताबियौ देरी नै लगाबियौ।