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इंसां को समझाए कौन / विजय वाते

जलती आग बुझाए कौन
अपने हाँथ जलाए कौन

दिल की तरह वो जिद्दी है
अब उसको समझाए कौन

ये भी खुदा है वो भी खुदा
किसके नाज़ उठाये कौन

दुनिया आनी जानी है
इंसां को समझाए कौन