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इकतीस / प्रमोद कुमार शर्मा

सबद लोही है
-रोही है
जाणै बळती लालम-लाल कोई
कोई बिरलो ई बचै-
-रचै
आपरी अरथी रा अरथ न्यारा
नींतर राम-नाम सत है
जीव री पछै कांई गत है
चौरासी रो फेर
-बो ही है।