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इच्छा गाने की / सोमदत्त

भीतर के अंधेरे से
ख़ूब गहरे अंधेरे से
काले संगमरमर के ठोस अंधेरे से
आवाज़, बीज के अंधेरे की लय में
लहराती है
पानी की बारीक़ ऊपर उठती तरल गतिमय धार-सी
मन में
इच्छा गाने की