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इच्छ्या-३ / दुष्यन्त जोशी

म्‍हूं
कांईं जाणूं
स्यात
कीं' नीं

पण म्‍हूं
सीखणौ चावूं
भौत कुछ
अर
आखी जिनगी
सीखतौ रैवूं

कीं' सीख'र
सेलिबे्रटी बणनौ चावूं
दुनिया रौ

आ'इज है
म्हारै
मन री इच्छ्या।