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इज़्ज़तपुरम्-36 / डी. एम. मिश्र

भूख के समक्ष
बड़े-बड़े वीरों ने
घुटने टेक दिये
तो कमलिया
और करमू की
क्या बिसात?

फिर तो
गुलाबों की
आजादी बढ़ी
और
समझौते का
नया अध्याय
खुला