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इज़्ज़तपुरम्-39 / डी. एम. मिश्र

कातर
नयनों का
कम्पन
लिख गया
शील का
प्रमाणपत्र

और
अचानक का
स्पर्श
सुखद
बो गया
प्रेमबीज