अँधेरे की दुनिया
उजाले में
फिर निखरी
दिन निकला
बदल गयीं
कैसे रोशनाइयॉ
प्रेस कपड़े
फ्रेश चेहरे
चैम्बर में फिर साहब
सिर पर सवार
फिर धुली टोपी
अँधेरे की दुनिया
उजाले में
फिर निखरी
दिन निकला
बदल गयीं
कैसे रोशनाइयॉ
प्रेस कपड़े
फ्रेश चेहरे
चैम्बर में फिर साहब
सिर पर सवार
फिर धुली टोपी