नेफा के नीचे
अब सोख्ता कहाँ?
‘वाटरपै’ है
मर्म पर
कसे गये फिकरे
करते हैं लहूलुहान
भीतर तक आत्मा को
फिर
टूटे हुए तारे
हवा में तैंरें
कि पानी में बुतें
फर्क क्या?
नेफा के नीचे
अब सोख्ता कहाँ?
‘वाटरपै’ है
मर्म पर
कसे गये फिकरे
करते हैं लहूलुहान
भीतर तक आत्मा को
फिर
टूटे हुए तारे
हवा में तैंरें
कि पानी में बुतें
फर्क क्या?