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इज़्ज़तपुरम्-91 / डी. एम. मिश्र

हे र्इ्रश्वर
मौत का पूर्वाभास
मौत से भयानक
मत किसी को दे

मौत मुँह बाये
सामने खड़ी हो
घबरायी जिंदगी
काँपती हो थर-थर
और सब अँधेरा हो

तो मौत से पहले
मर जाने का
बेखैाफ हौसला दे