इतवार की सुबह
कुछ ज़्यादा
ही मुलायम
सूरज कम चमकीला
पेड़ आरामग़ाह में
हवा उनीन्दी
मन गुनगुनाता
ऐसे में रहने दो
सब कुछ मौन।
इतवार की सुबह
कुछ ज़्यादा
ही मुलायम
सूरज कम चमकीला
पेड़ आरामग़ाह में
हवा उनीन्दी
मन गुनगुनाता
ऐसे में रहने दो
सब कुछ मौन।