इत्ते जादा मत इतराओ नेताजी
सोच-समझ कैं गाल बजाओ नेताजी
धूल नायं जो भगत सिंग के पाँयन की
बाकूं भगत सिंग बतलाओ नेताजी
राजनीत के कीचड़ में तुम लिपट रए
रगड़-रगड़ कैं जाय छुड़ाओ नेताजी
तुम जे सोचौ सब बकबास सुनिंगे हम
भौत है गयौ अब रुकि जाओ नेताजी
नई -नई छोरिन के चक्कर में फसि कैं
मत पलीत मट्टी करवाओ नेताजी