ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
पहलो करदा आवण जावण,
फिर उँगली रक्ख के बन्न बहावण।
पिच्छों सभ समाया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
मैंने सबक खलीलों पढ़िआ,
नारों हो गुलज़ारों वड़ेआ।
ओधरों असर कराया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
हेठ आरे देहो खलोती,
कंधी जुल्म महबूबा चोटी।
ओस आपणा आप चीराया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
बसख दे विच्च मोती लटके,
रस लबाँ दी पीवो गटकें
इस सालम जिस्म पढ़ाया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
सानूँ आपणे काफर काफर,
गिला गुजारी करदे वाफरं
जिन्हाँ इश्क ना मूल लगाया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
मुँह दे उत्ते मली स्याही,
लज लेहादी धो सभ लाही।
असाँ नंग नामूस गवाया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।
मज़हबाँ दे दरवाजे उच्चे,
कर कर झगड़े खले विगुच्चे।
बुल्लामोरिओं इश्क लँघाया जे,
ओह इशक असाँ वल आया जे।
ओह आया मैं मन भाया जे।