रब जाने कब मरेगा इस दौर का दशानन!
क्या-क्या जुलम करेगा इस दौर का दशानन!
नेताओं से हैं रिश्ते, ऊपर तलक पहुँच है,
फिर किसलिए डरेगा, इस दौर का दशानन!
ताबूत निगल जाए, पी जाए टनों दारू
चारा सभी चरेगा, इस दौर का दशानन!
कुछ भी न कर सकेगी, लक्ष्मण की कोई रेखा,
हर ओर पग धरेगा, इस दौर का दशानन!
बेतरह लड़ख़ड़ाते सिस्टम ने कहा ‘अंजुम’
सबकी खुशी हरेगा, इस दौर का दशानन!