Last modified on 14 जून 2007, at 20:06

इस धरती पर / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

धरो पैर इस धरती पर

तब आगे बढ़ पाओगे ।

नभ में इतना नहीं उड़ो

जाने कब गिर जाओगे ।

सावधान किसी दिन बड़े

गड्ढे में गिर जाआगे ।

हमने माना नोटों के

बिस्तर तुम बिछवा सकते ।

पर क्या इन नोटों से तुम

नींद घड़ी भर लाओगे ।

किया आचमन धोखे का

मंत्र कपट के खूब पढ़े ।

माना ऊँचे अम्बर में

कटी पतंग से खूब चढ़े ।

तेज हवा का झोंका जब

जिस पल भी रुक जाएगा ।

बिना डोर की पतंग को

धरती पर ले आएगा ।

इसीलिए मैं कहता हूँ-

मत मन में अभिमान करो ।

अच्छे काम करो जी-भर

बुरे काम से सदा डरो ।